बस इतना ही फर्क है तेरी बेरुखी के बाद।,
कि तुने खंजर मारा और हमने शायरी नवाजी।
आखिरी साँस बाकी है,,,
आ रहे हो या ले लूँ.....
मुहब्बत का मज़ा तो डूबने की कशमकश में हैं,
जो हो मालूम गहराई, तो दरिया पार क्या करना….
ये आशिको का शहर हैं,,
जनाब..!
यहाँ सवेरा सूरज से नहीँ
किसी के दीदार से होता ..
अच्छा नही लगता ये.............
मनहूस अलार्म⏰ को सुनकर उठना..........
.....काश कोई जुल्फो से....
...............पानी झटक कर..............
......हमे भी जगाता..
हुई तुम्हारी नफरतों की इन्तेहाँ खत्म जहाँ,
वहाँ मेरी मोहब्बत के नए आयाम शुरू हुए।
ज़िन्दगी की राहों में.. ऐसा अक्सर होता है.. ✅ फैसला जो मुश्किल हो.. वो ही बेहतर होता है..!!
अब दीवानों को और भी दीवाना ना बनाओ,
सुना है तुम्हारी जुबां से के हमसे प्यार है तुमको...
मत पूछना मेरी शख्सियत के बारे में ..
हम जैसे दिखते है वैसे ही लिखते है ...!
अब
इस खुशी का
हिसाब कैसे हो ?
आज
उसने पूछा
" जनाब कैसे हो ?"