कभी पीठ पीछे मेरी बात चले तो मैं
घबराता नहीं ......
क्योंकि बात तो "उन्हीं की होती है"..
जिनमें कोई " बात " होती है...!
तू एकबार मेरी निगाहो मे देख कर कह दे,कि हम तेरे काबिल नही...!कसम तेरी और इनचलती साँसो की, हम तुझे देखना तक छोड़ देंगे...
वो दोस्त उम्रभर का साथ
क्या देगा मेरा ...
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जिसने ट्रेफिक पुलिस की गाडी
देखकर मुझे बाइक से उतार
दिया.
बहुत भीड़ है इस मोहोब्बत के शहर मैं,एक बार जो बिछड़ा....तो दुबारा नहीं मिलता......