अब इश्क भी करो तो ज़ात पूछकर करना...
मज़हबी झगड़ो में मोहब्बत हार जाती है....
जब रिश्तो मे जिद और मुकाबला आ जाए,
तब ये दोनों जीत जाते हैं सिर्फ रिश्ता हार जाता है...
Log Aksar Duwa Karte H,
Ki Khuda Kabhi Pyaar Karne Walo Ko Judaa Na
Kare....
Lekin Mai Kehta Hu,
Ki Jo Kismat Mei Naa Ho Usse Khuda Kabhi Pyaar
Na Karwaye.....
वक़्त बीतने के बाद अक़्सर ये अहसास होता है..
जो छूट गया वो लम्हा बेहतर था...
मोहब्बत भी ईतनी शीद्दत से करो
कि...."वो धोखा दे कर भी सोचे की
वापस जाऊ तो किस मुंह से जाऊ...."
अगर कोई याद नही करे,
तो आप कर लीजिए..
रिश्ते निभाते वक़्त,
मुकाबला नही किया जाता...
अच्छा हुआ कि तूने हमें तो़ड़ कर रख दिया.....
घमंड भी तो बहुत था हमें तेरे होने का.....
क्या करता मैं उस वक़्त जब तूने कहा कि मेरी जिंदगी से चले जाओ....
तुझे तो मिल गया था कोई चाहने वाला पर मै किसको कहता की मेरी जिंदगी में आजाओ..
दिल तो भर ही जाना था उसका आखिर....
सदियों की मोहब्बत पलों में लूटा जो दी थी मैंने.....
सीख रहा हूँ मै भी अब मीठा झूठ बोलने का हुनर..
कड़वे सच ने हमसे ना जाने कितने अज़ीज़ रिश्ते छीन लिए...!