ताबीज़ जैसे होते है कुछ_लोग,
बस गले लगते ही सुकून मिलता है !!
....दिल दगाबाजी कर गया..
.गलती से तुम से प्यार हो गया..*
ठिठुर रहा है बदन साँस थम सी गई है
आज सर्दी बहुत है शायरी जम सी गई है।
मौसम बहुत सर्द है, चल ए दोस्त....... गलत-फहमिओ को .…...आग लगाते हैं.............!!
बनाओ कितने ही फोल्डर नये तुम,
यादें पुरानी ही सम्भलती हैं उनमें....
दुश्मन हो तो इश्क जेसा..,सीधे दिल पर वार करे.
हुए बदनाम मगर फिर भी न सुधर पाए हम,..
फिर वही शायरी, फिर वही इश्क, फिर वही तुम.
अजीब सा जहर है तेरी यादों मै..!!
मरते मरते मुझे सारी ज़िन्दगी लगेगी!!
जिन्दगी में ‘कुछ’ चीजे भुलाई नही जा सकती.
.
मेरी जिन्दगी में सब 'कुछ' सिर्फ तुम ही हो
#तुम्हारे बिना रह तो सकता हूँ...मगर...#खुश नहीं रह सकता.