हम वो हैं जो आँखों में आँखें डाल के सच जान लेते हैं
तुझसे मुहब्बत है बस इसलिये तेरे झूठ भी सच मान लेते हैं !
ना चाहत, ना मोहब्ब्त, ना इश्क,और ना वफा..!!|कुछ भी नहीं था उस शक्स के पास सिवाये हुस्न के..!!
हम तो वो हे जो तेरी बातेँ सुन कर तेरे हो गए थे….:वो और होंगे जिन्हे मोहब्बत चेहरो से होती हो….
बड़ी तकलीफ़ देता है वो लम्हा जिँदगी का..•जब चाह कर भी हम किसी के हो नही सकते..
कहाँ से लाऊँ मैं,बता कहाँ बिकता है..]
वो नसीब जो उम्र भर के लिये तुझेमेरा कर दे...
देख के हाथो की लकीरें, नम आँखों से हँस देते हैं..]
इतनी तो लकीरें भी नहीं, जितने गम मिले मुझे...
जाओ ढ़ूँढ लेना हम से ज्यादा चाहने वाला....●मिल जाये तो खुश रहना, ना मिले तो हम फिर भी तेरे ही है...
गलती तेरी नहीं की तूने मुझे धोखा दिया,
गलती तो मेरी थी जो मैने तुझे मौका दिया.....!!
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वजह नफरतों की तलाशी जाती हैं
मोहब्बत तो बेवजह ही हो जाती हैं…
"तेरी मोहब्बत को कभी खेल नहीं समझा,,,, वरना खेल तो इतने खेले हैं की कभी हारे ही नहीं....,,,,