सबको बता दो आज इस ग्रुप का एडमिन बहुत खुश है...
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पिछले साल का स्वेटर निकाला उसमे से 200/- रूपये मिले।
प्राचीन काल में जो लोग, अपनी नींद, भोजन, हंसी, परिवार व अन्य संसारिक सुखों को त्याग देते थे, उन्हें संत कहा जाता था। आज कल उन्हें...
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WhatsApp ADMIN कहा जाता है।
आज कल जब भी WhatsApp खोलो तो लगता है WhatsApp नहीं "हरि की पौड़ी, हरिद्वार" आ गए हैं। जहाँ इतना अथाह ज्ञान बरसता है कि मन एकदम शुद्ध हो जाता है।
सभी WhatsApp संतों को प्रणाम।
जो बच्चे बचपन में स्कूल में कभी 'मॉनिटर' नहीं बन पाए,
वो आजकल WhatsApp और Facebook पे ADMIN बने बैठे हैं।
WhatsApp छोटे बच्चों के डायपर की तरह होता है!
होता कुछ नहीं लेकिन हर 5 मिनट में चेक करना पड़ता है।
दोस्तो,
हमें गर्व है कि हमारे एडमिन जी ने ओबामा के साथ चाय पी,
ओबामा टीवी पर था और एडमिन जी घर पे, आमने सामने चाय का दौर चला है।
सच में बहुत गर्व है।
हमारा एडमिन किसी दूसरे आदमी को प्रवचन झाड़ रहा था,
"लोहा लोहे को काटता है और हीरा हीरे को"
तभी पीछे से आकर एक कुत्ते ने उसे काट लिया।
कौन कहता है कि दिल सिर्फ लफ़्ज़ों से ही दुखाया जाता है;
ग्रुप के मेंबर की ख़ामोशी भी कभी-कभी आँखें नम कर देती हैं।
अगर सरकार ये नियम लागू कर दे कि "एडमिन बनने के लिए 12वी में 60% जरुरी" तो कसम से आधे से ज्यादा ग्रुप रद्द हो जायेंगे।
आज के जमाने में सत्संग उसी संत का बढ़िया रहता है जिसके पंडाल में गर्म पकोड़े, जलेबी और अदरक वाली चाय मिले।
वरना ज्ञान तो अब Whatsapp पर भी बंटता है।