वस्तु और सुख दो अलग चीजें हैं।
आवश्यकता के अनुसार वस्तुएं रखने से ही सुख होता है,
अधिक वस्तुएं रखने से नहीं..!!!
*** Snehan ***
Everyone Likes The Rose Petals But
Not The Green Sepals Which
Protects It In Its Budding Stage,
Similarly Everyone Loves The
Beautiful Faces
But Not Those Who
Spend Life In Making Others Beautiful.
अगर कीचड़ में पैर धंस जाए तो नल के पास जाकर धो लेना चाहिए।
मगर नल को देखकर कीचड़ में उतरना बुद्धिमत्ता नहीं है।
इसी प्रकार
जिन्दगी में बुरा समय आ जाए तो पैसों का उपयोग करना चाहिए
मगर पैसों को देखकर बुरे रास्ते पर जाना बुद्धिमत्ता नहीं है।
स्वर्ग में सब कुछ है लेकिन मौत नहीं है,
गीता में सब कुछ है लेकिन झूठ नहीं है,
दुनिया में सब कुछ है लेकिन किसी को सुकून नहीं है,
और
आज के इंसान में सब कुछ है लेकिन सब्र नहीं.
Definition Of
Human Being
By A Philosopher:
A Creature That Cuts Trees,
and Makes Paper,
and On Those Papers They Writes
Save Trees
सभी बुरे कार्य मन के कारण उत्पन्न होते हैं. अगर मन परिवर्तित हो जाये तो क्या अनैतिक कार्य रह सकते हैं?
किसी जंगली जानवर की अपेक्षा एक कपटी और दुष्ट मित्र से ज्यादा डरना चाहिए, जानवर तो बस आपके शरीर को नुक्सान पहुंचा सकता है,
पर एक बुरा मित्र आपकी बुद्धि को नुक्सान पहुंचा सकता है.
आपके पास जो कुछ भी है है उसे बढ़ा-चढ़ा कर मत बताइए, और ना ही दूसरों से इर्श्या कीजिये. जो दूसरों से इर्श्या करता है उसे मन की शांति नहीं मिलती.
कोई किसी के पास तीन ही परिस्थितियों में जाता है -
1- भाव में
2- अभाव में
3- प्रभाव में
इसलिए आपके पास जब भी कोई आये तो उसे पूरा सम्मान दें
पता नहीं वह किस स्थिति में आपके पास आया है
1-भाव से आया है तो बस प्रेम चाहिए !
2- अभाव में आया है तो मदद चाहिए और आपको सक्षम समझ
कर आया है !
3- प्रभाव में आया है तो आप को अभिमान होना चाहिए कि
आप इस हेतु स्वयं सक्षम हैं तो उसका तिरस्कार न करें !!
मांगो तो अपने रब से मांगो
जो दे तो रहमत और न दे तो किस्मत
लेकिन
दुनिया से हरगिज मत मांगना ,
क्योंकि दे तो एहसान
और न दे तो शर्मिंदगी ..