कर लो इकरार जब तक ''जिन्दा'' हूँ ,
फिर ना कहना..
चला गया पागल
दिल मे यादे छोड़ कर..
मेरी महोब्बत की बस इतनी कहानी है,
एक टूटी हुई कश्ती और सूखा हुआ पानी है,
एक गुलाब उनकी किताब में दम तोड़ चुका,
और उनको याद ही नहीं कि यह किसकी निशानी है।
Hum To Jal Gaye Yaron Ki Mohabbat Mein Moum Ki Tarah..
Agar Phir B Koi Humein Bewafa Kahy
To Uski Wafa Ko Salam
Apna..!!
Pata Nhi Or Kis Kis Ka Ho Gya Wo Shakhs,,,jo Kabhi Mera Hone Ka Dawa Karta Tha….!!
टूट कर भी कम्बख्त धड़कता रहता है,
मैने इस दुनिया मैं दिल सा कोई वफादार नहीं देखा..
तेरी चौखट से सिर उठाऊं तो बेवफा कहना;
तेरे सिवा किसी और को चाहूँ तो बेवफा कहना;
मेरी वफाओं पे शक है तो खंजर उठा लेना;
शौंक से मर ना जाऊं तो बेवफा कहना।
आग दिल में लगी जब वो खफा हुए;
महसूस हुआ तब, जब वो जुदा हुए;
करके वफ़ा कुछ दे ना सकें वो;
पर बहुत कुछ दे गए जब वो बेवफा हुए।
मैँ लिखता हुं सिर्फ दिल बहलाने के लिए।
वर्ना जिस पर प्यार का असर नही हुआ उस
पर
अल्फाजो का क्या असर होगा।
इंसानों के कंधे पर इंसान जा रहे हैं,
कफ़न में लिपट कर कुछ अरमान जा रहे हैं,
जिन्हें मिली मोहब्बत में बेवफ़ाई,
वफ़ा की तलाश में वो कब्रिस्तान जा रहे हैं।
Hai Nasib Ki Baat Dukh Kisi Ko Nahi,
Ye Duniya Badi Bewafa Hai Ye Kisi Ki Nahi,
Roshniyon Par Guroor Kabhi Na Karna,
Chirag Sab Ke Bujhenge Ye Hawa Kisi Ki Nahi