जब मैने पहली बार "दारु" पीयी थी
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मै अपनी ही नजरो मै गिर गया था...
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और मैने दारु छोड़ने का फैसला कर लिया ??
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लेकिन तब मैने उन तमाम लोगो के बारे मेँ सोचा ??
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किसान जो अँगूर बनाते है |
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वो दारु फैक्टरी के मजदूर |
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वो कांच की बोतल बनाने वाली फैक्टरी के मजदूर |
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वो बार में नाचने वाली "गरीब" बार डांसर |
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वो "बार" काम करने वाला गरीब वेटर |
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वो कबाड़ी जो खाली बोतल जमा करके अपने घर का खर्च चलाते है !
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इन सबको लादकर चलने वाला गरीब ट्रक ड्राईवर |
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मैने उन सब के बारे मै सोचा तो मेरी आँख भर आयी!
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और बस मैने उस दिन से फैसला किया की.......
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अब से रोज पियूंगा और खूब पियूँगा,
क्योकि.....
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"अपने लिए तो सब जीते है !"
"हम तो गरीबो के लिए पीते है!"
TRÛÊ LØVÊ STØRÝ
एक लडका अपनी G.F से मिलने रोजाना पार्क मेँ जाता था,
लेकिन लडकी पहले पहुचती थी
और
लडका हमेशा लेट पहुचता था..!
लेकिन लडकी ने कभी उसे कुछ नही कहा...
एक दिन लडकी पार्क मेँ नहीँ आई..!
तो लडका गुस्सा कर लेता है,
और उस लडकी के घर चला जाता है..!
वहाँ जाकर उसे पता चला कि लडकी
को Blood Cancer है..!
और वो वही गिर गिर कर रोने
लगता है..!
और ईँस दुख मे वो Sucide कर
लेता है,
1 Note लडकी के लिये छोड जाता है
जिसमे लिखा था :-
तुम हमेशा जल्दी आती थी और मेरा इन्तजार करती थी,
लेकिन....
आज मै जल्दी जा रहा हुँ,
और तुम्हारा इन्तजार करुगाँ..!!
ईसलिये दोस्तो हमेशा ही अपने प्यार पर भरोसा करना चाहिये
जिसे ही अपने प्यार पर भरोसा होता है
उसका ही LOVE सफल होता है..!
एक बार रजनीकांत तलवार बाजी के
एक मुकाबले में पहुंचे।
वहां चीन, जापान और कई अन्य
देशों से
तलवार बाजी के लिए योद्धा पहुंचे
थे।
पहले चाइनीज तलवार बाज ने एक
बाल के
दो टुकड़े कर दिए।
उसके बाद आए जापानी ने उड़ती हुई
मक्खी की गर्दन काट दी।
रजनीकांत ने मच्छर उड़ाया..
अपनी तलवार घुमाई…
लेकिन मच्छर उड़ता रहा।
जापानी और चाइनीज
दोनों ही काफी खुश
हुए और उन्होंने रजनीकांत से पूछा,
“मच्छर तो अभी भी उड़ रहा है?”
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रजनीकांत ने मुस्कुराते हुए जवाब
दिया,
“उड़ तो रहा है,
लेकिन अब वह
कभी बाप
नहीं बन पाएगा।”
••MujSe Kah God Ne••
मत कर इंतज़ार इस जनम मेँ उसका मिलना मुश्किल है
मैने भी कह दिया लेने दे मज़ा इंतज़ार का,
अगले जनम में तो मुमकिन है
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फिर उसने कहा-मत कर इतना प्यार बहुत पछतायेगा
मुस्कुरा कर मैने कहा-देखते है तू कितना मेरी रूह को तड्पाएगा
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फिर उसने कहा-हटा उसे चल तुझे जन्नत की सैर करता हूँ!
मैने कहा-आ नीचे देख मेरे यार का मुस्कुराता चेहरा तुझे जन्नत जमीन पे दिखता हूँ!
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तिल-मिलाकर कहा उसने-मत भूल अपनी औकात तू है तो एक इंसान
मैने कहा-तो मिला दे मुझे मेरे प्यार से और साबित कर की तू ही है भगवान...!!
नेता का बेटा अपने पिता से बोला,
"पापा मुझे भी राजनीति में आना हैं, मुझे कुछ टिप्स दो।"
नेता: बेटा, राजनीति के तीन कठोर नियम होते हैं।
"चलो पहला नियम समझाता हूँ",
यह कहकर नेता जी ने बेटे को छत पर भेज दिया
और ख़ुद नीचे आकर खड़े हो गए।
नेता जी: छत से नीचे कूद जाओ।
बेटा" पापा, इतनी ऊंचाई से कुदूंगा तो हाथ पैर टूट जायेंगे।
नेता जी: बेझिझक कूद जा, मैं हूँ ना, पकड़ लूँगा।
लड़के ने हिम्मत की और कूद गया,
पर नेताजी नीचे से हट गए।
बेटा धड़ाम से ओंधे मुंह गिरा और कराहते हुए बोला,
"आपने तो कहा था मुझे पकड़ोगे, फिर हट क्यों गए?"
नेता जी: ये हैं पहला सबक "राजनीति में
अपने बाप का भी भरोसा मत करो!!
हर तरफ हर जगह बेशुमार आदमी;
फिर भी तन्हाईयों का शिकार आदमी;
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सुबह से शाम तक बोझ ढोता हुआ;
अपनी ही लाश का खुद मज़ार आदमी;
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रोज़ जीता हुआ रोज़ मरता हुआ;
हर नए दिन नया इतज़ार आदमी;
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हर तरफ भागते दौड़ते का शिकार आदमी;
हर तरफ आदमी का शिकार आदमी;
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ज़िंदगी का मुक़द्दर सफ़र दर सफ़र;
आखिरी सांस तक बेक़रार आदमी!!
••" LoVe StOrY "••
एक पेङ पर एक भंवरा और एक तितली बैठतेथे।
धीरे धीरे उनकी दोस्ती हो गई।
और फिर दोस्ती प्यार मे बदल गई!
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दोनो एक दुसरे को इतना चाहने लगे की कभी एक दुसरे को ना देखे तो बैचेन हो जाते थे!
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एक दिन तितली ने कहा की हम दोनो मे से ज्यादा प्यार कौन करता है?
इसलिए उसने शर्त रखी की कल जो भी इस फुल पर आके पहले बेठेगा वो ज्यादा प्यार करता है।
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शाम को दोनो घर जाने लगे!
सुबह सर्दी ज्यादा होने के बावजुद तितली सुरज निकलने से पहले फुल पर आकर बैठ गई पर भंवरा नहीँ आया।
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इसलिए वो खुश थी की वो शर्त जीत गई।
धीरे धीरे दिन चढा तो वो फुल खिलने लगा..
तितली ने देखा की उस फुल मे भंवरा मरा पङा है!
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क्योकि रात को वो घर गया ही नही था।
ओर सर्दी की वजह से उसकी मौत हो गयी थी!
इसलिए कहते है दोस्तो प्यार को कभी आजमाना मत।
प्यार का इम्तीहान मत लो
उस पर भरोसा करो!!
•••" NICE STORY "•••
एक हसीन लडकी एक राजा के दरबार मेँ डाँस कर रही थी,
(राजा बदसुरत था)।
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निवेदन के बाद,
लडकी ने राजा से एक सवाल की इजाजत तलब
की,
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राजा ने कहा कि पुछौ!
लडकी ने कहा कि-
जब खुदा हुस्न तकिशम कर रहा था,
तो आप कहाँ थे?
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राजा ने गुस्सा नही किया,
बल्कि मुस्कराते हुए कहा-
•
जब तुम हुस्न की लाईन मेँ खडी हुस्न ले
रही थी,
तो मै किस्मत की लाईन मेँ खडा किस्मत ले
रहा था
"और"
आज तुझ जैसी हुस्नवालीयाँ मेरी गुलाम है,
•
इसलिए शायर ने कहा है,-
"हुस्न" ना मांग "नसीब" मांग ऐ दोस्त "हुस्न"
वाले अक्सर "नसीब" वालोँ के गुलाम हुआँ करते
है...!
→→→" माँ "→→→
नीँद बहुत आती है पढते - पढते
माँ होती तो कह देता एक प्याली चाय बना दे..!
→
थक गया जली रोटी खा-खा कर
माँ होती तो कह देता पराठे बना दे..!
→
भीग गयी आँसुओ से आँखे मेरी,
माँ होती तो कह देता कि आँछल दे दे..!
→
रोज वही कोशिश खुश रहने की,
माँ होती मुस्करा लेता..!
→
देर रात हो जाती है घर पहुँचते - पहुँचते ,
माँ होती तो वक्त पर घर लौट आता..!
→
सुना है कई दिनो से वो भी नही मुस्कराई
ये मजबुरियाँ न होती तो घर चला जाता..!
→
बहुत दुर निकल आया हुँ घर से अपने
तो तेरे सपनो की परवाह ना होती
तो बस चला आता..!
•" StOrY OF MoTheR "•
माँ :- बेटा अगर मेरी आँखे खराब हो गयी तो
तुम क्या
करोगे....!
•
बेटा :- माँ तुम्हे शहर ले जाऊगाँ वहाँ ईलाज
करवाऊँगा...!
माँ :- अगर फिर भी ठीक
नही हुई,
तो...
•
बेटा :- माँ मै पैसे खर्च करुँगा
तुम्हे विदेश ले जाकर
ईलाज
करवाऊँगा ?
{ माँ हँस पङती है }
•
बेटा :- अच्छा माँ अगर मेरी आँखे खराब हो गयी
तो तुम क्या
करोगी ?
माँ :- मेरे लाल मै तुम्हे अपनी आँखे दे
दुँगी..!
[ No one is better than mather ]