Ye Zindagi Us Rab Ki Raza Hai,
Jiska Apna He Maza Hai,
Har Waqt Khud Se Meri Yahi Dua Hai,
Ki Apko Etni Khushiyan De Ki…
Aap Bhi Socho Iski Kya Wajah Hai…
Aapki Aankhen Uchi Hui To Dua Ban Gai
Neechi Hui To Haya Ban Gai
Jo Jhuk Kar Uthi To Khata Ban Gai
Aur Uth Kar Jhuki To Ada Ban Gai…
Rab Se Aap Ki Khushi Maangte Hain,
Duaon Mein Aapki Hasi Maangte Hain,
Sochte Hai Aapse Kya Maange,
Chalo Aap Se Umar Bhar Ki Mohabbat Maangte Hain…
Phir Chupke Se Yaad Aa Gaya Koi,
Mere Aankho Ko Phir Rulaa Gaya Koi,
Kaise Uska Shukria Aada Karen,
Mujh Naacheez Ko Shayar Bana Gaya Koi!
Na to yaadon ko yaad rakhte hain,
Na hi sapnon ko saath rakhte hain,
Ham to bus unko yaad rakhte hain,
Jo hamein dil ke paas rakhte hain.
Suno Ek Kaam Hy
Tum Se
Agar Wo Kaam Tum
Ker Do
Jo Seeney Main
Dharakta Hy
Mujhy Wo Dil Na Do
Lekin
Jo Chahat Us k
Andar Hy
Wo Mere Naam
Tum Kr Dona sweet
प्यास का समन्दर है के समन्दर की प्यास है
एक दिल है मेरा और वो भी उदास है
मुद्दत से एक क़तरा खुशबू आँखों में है
एक दर्द-सा कहीं दिल के आस-पास है
अपने ही लहू से तर कोई गुलाब हो जैसे
तमन्ना के खूँ से तर दिल का लिबास है
बतौर इल्ज़ाम ही सही मगर सच कहते हैं लोग
इक अहसास के सिवा और क्या इस दिल के पास है
एक लड़की मुझे सताती है’ .................
अंधेरी-सी रात में एक खिड़की डगमगाती है,
सच बताऊँ यारों तो,
एक लड़की मुझे सताती है।
भोली भाली सूरत उसकी मखमली-सी पलकें है,
हल्की इस रोशनी में,
मुझे देख शर्माती है!
सच बताऊँ यारों तो इक लड़की मुझे सताती है,
बिखरी-बिखरी ज़ुल्फ़ें उसकी
शायद घटा बुलाती है,
उसके आँखों के काजल से बारिश भी हो जाती है,
दूर खड़ी वो खिड़की पर मुझे देख मुसकुराती है।
सच बताऊँ यारों तो इक लड़की मुझे सताती है,
उसकी पायल की छम-छम से
एक मदहोशी-सी छा जाती है
ज्यों की आंख बंद करूँ मैं तो सामने वो जाती है,
सच बताऊँ यारों तो इक लड़की मुझे सताती है!
अंधेरी-सी रात में एक खिड़की डगमगाती है,
ज्यों ही आँख खोलता हूँ
मैं तो ख़्वाब वो बन जाती है
रोज़ रात को इसी तरह
इक लड़की मुझे सताती है।
कुछ बातें हम से सुना करो,
कुछ बातें हम से किया करो,
मुझे दिल की बात बता दो तुम,
होंठ ना अपने सिया करो,
जो बात लबों तक ना आए,
वो आंखों से कह दिया करो,
कुछ बातें कहना मुश्किल है,
तुम चहरे से पढ़ लिया करो,
जब तनहा-तनहा होते हो,
आवाज मुझे तुम दिया करो,
हर धड़कन मेरे नाम करो,
हर सांस मुझको दिया करो,
जो खुशियां तेरी चाहत हैं,
मेरे दामन से चुन लिया करो।
भुलाना भी चाहें भुला न सकेंगे
किसी और को दिल में ला न सकेंगे.....
भरोसा अगर वो न चाहें तो उन को
कभी प्यार का हम दिला न सकेंगे.......
वादा निभायेंगे, वो जानते हैं
कसम हम को झूठी खिला न सकेंगे......
क्यों आते नहीं वो है मालूम हम को
नज़र हम से अब वो मिला न सकेंगे......
ज़ोर-ए-नशा-ए-निगाह अब नहीं है
मय वो नज़र से पिला न सकेंगे............
हकीकत से अपनी वो वाकिफ़ हैं खुद ही
कर हम से अब वो गिला न सकेंगे........