Mujhse Itni Mohabbat Na Kar Meri Jaan,
Ki Jo Mera Dum Nikle Aur Meri Rooh..
Na Jane Ki Zid Kare,
Chaar Kandha Dene Wale Khade Hon Mujhe Le Jane Ke Liye,
Aur Tu Mere Jism Se Lipat kar Ro Pade.
Woh Hase To Ye Dunia Haseen Nazar Aati Hai,
Mujhe Uski Khushi Mai Apni Har Khushi Nazar Aati Hai.
Itna Bebas Ho Jata Hun Uski Mohabbat Mai Yaaron,
Ki Ab To Khud Mai Bhi Mujhe Uski Tasveer Nazar Aati Hai.
नज़र और नसीब का
कुछ ऐसा इत्तफाक हैं
कि
नज़र को अक्सर वही
चीज़ पसंद आती हैं
जो नसीब में नहीं होती
और
नसीब में लिखी चीज़
अक्सर नज़र नहीं आती है
कोई दीवाना कहता है, कोई पागल समझता है !
मगर धरती की बेचैनी को बस बादल समझता है !!
मैं तुझसे दूर कैसा हूँ, तू मुझसे दूर कैसी है !
ये तेरा दिल समझता है, या मेरा दिल समझता है !
मौसमे गुल हमें जब याद आया
जितना ग़म भूले थे सब याद आया
दिल भी होता है लहू याद न था
जब लहू हो गया तब याद आया
"Aag suraj mein hoti hai,"
"Jalna dharti ko padta hai"
"Mohabbat" aankhen karti hain",
"Tadapna dil ko padta ha""
Dil Pe Jab Se Sharab Ka Pehra Lag Gaya,
Gam Ka Andar Aane Ka Raasta Band Ho Gaya,
Zubaan Ne Jab Se Sharab Ko Chhu Liya,
Uska Naam Hamesha Ke Liye Bhool Gaya.
हो सकता है तेरे दिल में मेरे खातिर जगह न हो
हो सकता है इसके पीछे, किसी तरह की वजह न हो
लो गुनाह कुबूल किया, फिर आशिक कहता है कि
दुनिया तेरी कचहरी में मेरे इश्क पे जिरह न हो
रात में शाम का बादल ही चांद का कातिल बनता है
सोचता हूं कि तेरे बिन अब इन रातों की सुबह न हो
तू है गैर के घर में और मैं हो गया जग से पराया
इश्क की दुनिया में किसी का अंजाम मेरी तरह न हो
Logon Ne Kaha Ki Main Sharabi Hoon,
Maine Kaha Unho Ne Ankhon Se Pilaiee Hai,
Logon Ne Kaha Tu Shayar Dewana Hai,
Maine Kaha Unki Mohabbat Rang Laiee Hai.
ऐ आसमान बता दे अपनी हदें;
मैं उनके पर जाना चाहता हूँ;
फांसले हों चाहे कितने भी बड़े;
हौंसलों से मैं उन्हें अपने मिटाना चाहता हूँ।