हँसता हु फकत जमाने को दिखाने को, वरना
मेरे गम कब इजाजत देते है!
बस इतना ही फर्क है तेरी बेरुखी के बाद।,
कि तुने खंजर मारा और हमने शायरी नवाजी।
Dard Likhte rahe Aah bharte rahe
Log padhte rahe wah karte rahe....
Mujhe paakr tujhe koi ehsaas ho ya na ho,
pr mujhe khone ka gamm tujhe bht tadpaega
Jinda hu isliye tumhari yaado me marta rehta hu
Dar he mujhe,
marne ke baad tumhari yaado me jinda naa ho jaau..
छीन लेता है हर चीज मुझसे ...
ए खुदा...
क्या तू भी इतना गरीब है"..??
" किसी ने फूल से पूछा की जब तुम्हें तोड़ा गया तो तुम्हें दर्द नहीं हुआ ??
"फूल ने जवाब दिया
तोड़ने वाला इतना खुश था की मैं अपना दर्द भी भूल गया !!
हजारों चेहरों में उसकी झलक मिली मुझको…
पर. दिल भी जिद पे अड़ा था कि
अगर वो नहीं ,तो उसके जैसा भी नहीं…
…………………………………………… है कोई वकील इस जहान में,
जो हारा हुआ इश्क जीता दे मुझको.
Yado Me Hamari Wo Bhi Khoye Honge,
Khuli Ankho Se Kabhi Wo Bhi Soye Honge,
Mana Hasna Hai Ada Ghum Chupane Ki,
Par Haste Haste Kabhi Wo Bhi Roye Honge.