हर साँस के साथ मुझे सोचा करेगा वो,
ஜஜ
अपने हर अक्शं मेँ मुझे धुनडा करेगा वो,
ஜஜ
जब याद आयेगी उसको वफा मेरी,
ஜஜ
फिर हर शक्स को चाहत से देखा करेगा वो,
ஜஜ
आज मेरे दु:ख पर हँस रहा है मेरे सामने,
ஜஜ
मुझसे बिछड कर ईसी बात पर रोया करेगा वो.
ஜஜ
फिर कैसे मेरे खयाल से दामन छुरायेगा वो,
ஜஜ
जब मेरी तरह किसी को चाहा करेगा वो.
ஜஜ
मेरे होते हूये मेरा नाम भुलने वाला,
ஜஜ
मेरे बाद मेरे नाम से हर एक पुकारा करेगा वो.....।
♣ I LOVE YOU ♣
Zindgi Insaan Ko Kaha Se Kaha Le Aati Hai,
Ek Pal Khushi To Dusre Pal Gum De Jati Hai,
:::
Chahte H Jise Dilo-Jaan Sanam,
Aksar Use Gam De Jate Hai,
Pyar Karne Se Roka Nhi,
Nibhana K Kaise Usse Ye Jana Nhi,
:::
Karke Wafaye B Hum Usse,
Nibhana Hai Kaise Ye Jante Nhi,
Pyar To Karte H Hum Bahut,
Sanam Dikhana Hum Aante Nhi,
:::
Chah-KR B Pa-Na Ske Jise,
Usse Aksar Apna Mante Nhi,
Jane Esa Kyu Hota Hai...
:::
Zindgi Insaan Ko Kaha Se Kaha Le Aati Hai,
Ek Pal Khushi To Dusre Pal Gum De Jati Hai...!!
[ PREM - NAGARI ]
- - - - - - - - - - - - - -
एक इश्क नगरी की वादी थी,
जहाँ प्यार की नदियाँ बहती थी,,
↓
कुछ दिल-वाले भी रहते थे,
जो प्यार की बातेँ करते थे,,
↓
जब बहार का मौसम आता था,
और फुल प्यार के खुलते थे,,
↓
मस्त-नशीली रोतो मेँ,
प्यार से दो दिल मिलते थे,,
↓
एक रोज वो बस्ती बिखर गयी,
और प्यार की बस्ती उजर गयी,,
↓
और फिर हर दिल को सौग लगा,
और जीवन भर का रोग लगा,,
↓
दीवाने फिरते रहते है,
और हर एक से पुछा करते है,
↓
इकरार किसी से तुम ना करना,
तुम प्यार किसी से ना करना...!♥
जिन्दगी जब बेईमानी-सी नजर आने लगेगी,
हर खुशी मेँ एक कमी सी नजर आने लगेगी,
♣
तन्हाईयाँ जब तुम्हेँ याद आने लगेगी,
याद फिर हर घङी तुम्हेँ हमारी आने लगेगी,
♣
सोचोगेँ हर पल हमारे बारे मेँ,
खामोशियाँ भी कुछ कहकर जाने लगेगी,
♣
सुनना चाहोगे पर कोई आवाज नहीँ होगी,
तब उस पल पुकार लेना चले आयेगे हम,
♣
रोशनी भले ही किसी और के साथ गुजारी हो आपने,
हम अन्धेरे मेँ भी साथ निभायेगेँ..!!
मै लफ्जोँ मेँ कुछ भी इजहार नही करता,
इसका मतलब ये नहीँ कि मै तुझे प्यार नहीँ करता,
♣
चाहता हुँ मै तुझे आज भी पर,
तेरी सोच मेँ अपना वक्त बे-कार नहीँ करता,
♣
तमाशा ना बन जाये कही मोहब्बत मेरी,
इसलिऐ अपने दर्द का नमुदार नहीँ करता,,
♣
जो कुछ मिला है उसी से खुश हुँ मै,
तेरे लिये भगवान से तकरार नहीँ करता,,
♣
पर कुछ तो बात है तेरी फितर्त मेँ 'ऐ जालिम,,
वरना मै तुझे चाहने की खता बार-बार नहीँ करता,,
♣
मै लफ्जोँ मेँ कुछ भी इजहार नही करता,
इसका मतलब ये नहीँ कि मै तुझे प्यार नहीँ करता...!
तेरी बातोँ को मैँ कभी भुल ना पाऊगाँ,
तेरी यादोँ को कभी मिठा ना सकुगाँ!
जब भी तुम मुझे याद आओगी,
उन लम्होँ को याद करके रोता रहुगाँ!
तेरे पास क्या बैठाया 'सर' ने कि,
तेरी एक छोटी-सी नाजुक कली से टकरा गया!
और मुझे तुमसे इकरार हो गया,
ये यादेँ मै कभी मिठा ना सकुगाँ!
यु तो वो एक 'मैरिँट' कि लडकी थी,
तो भी मैनेँ उससे प्यार कर लिया!
क्या खता हुई मुझसे एक पल मेँ,
कि तुझे खोँने से डरने लगा,
ये यादेँ मै कभी मिठा ना सकुगाँ!
'सर' ने ऐसे क्या कर दिया कि रोने लगी,
एक खता मुझसे भी हो गयी,
हम भी तेरे लिए रोने लगे!
फिर हमसे और रहा न गया तो,
तेरे सपनेँ कि गुजारिश कर ली 'कांटावाली' से!
ये यादेँ मै कभी मिठा ना सकुगाँ!
तेरी बातोँ को मै कभी भुल ना पाऊगाँ,
फिर से....
उन लम्होँ को याद करके मै रोता रहुगाँ...!!
[['' मेरी - आशिँकी "]]
~~~~~~~~~~~~~~
सवाल कुछ भी हो...
जवाब तुम ही हो...
- - -
रास्ता कोई भी हो...
मन्जिल तुम ही हो...
- - -
दु:ख कितना भी हो...
खुशी तुम ही हो...
- - -
अरमान कितने भी हो...
आरजु तुम ही हो...
- - -
गुस्सा कितना भी हो...
प्यार तुम ही हो...
- - -
ख्वाब कोई भी हो...
उसमेँ तुम ही हो...
- - -
बस तुम ही हो....
अब मेँरी 'आशिँकी' तुम ही हो...!!
मेरे दिल कि आवाज है
कि बिछडा यार मिलेगा,
वो यार तेरी हर खुशी को गम मेँ मोड देगा,
जिस मोड पर तुझे तेरा प्यार मिलेगा,
मै तो क्या मुझसे भी, अच्छा एक नया दिलदार मिलेगा,
आज नही तो कल तुझे, तेरा प्यार मिलेगा,
दिल तो क्या दिलदार, भी तुझे तेरा साथ मिलेगा...!
क्या खुब सितम ढाती है ये जिन्दगी,
अकसर मन के रुठ जाती है ये जिन्दगी!
रोज सुबह उठता हु खुश होकर....
दिन ढलते-ढलते रुला जाती है ये जिन्दगी!
ना जाने कौनसी रनजिस है इसको मुझसे...
उनसे मिलाकर दुर कर जाती है ये जिन्दगी!
रोज नये खेल, खेलती है ये मेरे संग,
जीती हूई बाजी भी हरा जाती है ये जिन्दगी!
जब भी ये कदम उठे है मोहब्बत मे,
पैरोँ तले जमीन हटा जाती है ये जिन्दगी!
सब्र के सागर मे भी, मौजे उठने लगे है,
जिद करले आशिँकी के वक्त जरुर बदलेगा?
क्या हुआ फिर वहीँ ले आती है ये जिन्दगी!
क्या खुब सितम ढाती है ये जिन्दगी,
अकसर मन के रुठ जाती है ये जिन्दगी!
आरजु थी तेरी बाँहोँ मेँ दम निकले,
कसुर तेरा नहीँ बद- नशीब हम निकले!
जहाँ भी जाये खुश रहे तु सदा,
दिल से दुआँ सदा ये ही निकले!
मेरे हाँठो की हँसी तेरे हाँठो से निकले,
तेरे गम का दरियाँ मेरी आँखोँ से निकले!
ये जिन्दगी तुमहेँ सदा हसती हुई निकले,
अगर चाहे तो हमेँ रुलाती हुई निकले!
अगर जिन्दगी मे जीना पडे तेरे बिन,
तेरी डोली से पहले अर्थी मेरी निकले!
आरजु थी तेरी बाँहोँ मेँ दम निकले,
कसुर तेरा नहीँ बद- नशीब हम निकले...!