हादसोँ के गवाह हम भी हैँ,
अपने दिल से तबाह हम भी हैँ.
जुर्म के बिना सजा ए मौत मिली,
ऐसे ही एक बेगुनाह हम भी हैँ..!!
आपको देखा नहीं,महसूस किया है हमने..
आ कर हमारे ऐहसास को,मुक़म्मल कर दीजिये..
मंजिल भी तुम हो, तलाश भी तुम हो,
उम्मीद भी तुम हो, आस भी तुम हो,
कैसे कहूँ इश्क भी तुम हो और जूनूँ भी तुम ही हो,
अब जब अहसास तुम हो तो जिंदगी भी तुम ही हो
Deewane hai tere naam ke,
is baat se inkaar nahi,
kaise kahen hame aapse pyaar nahi.
Kuch to kasoor aapki adaaon ka hai,
ham akele gunagaar nahi.
मेरी चाहत अगर देखनी है तो अपने दिल को मेरे दिल से लगा कर देख....
अगर तेरी धड़कन ना बढ़ जाये तो मेरी मोहब्बत ठुकरा देना....
तुम हज़ार बार भी रुठोगी तो मना लूंगा तुमको,मगर शर्त ये है..!!
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कि मेरे हिस्से की मुहब्बत में शामिल कोई दूसरा न हो..!!
किस तरह अजनबी हुआ जाता है वजूद खुद का खुद से,
क़ि सीने की धड़कन भी किसी और के लिए धड़कती है !!
बेताब तमन्नाओ की कसक रहने दो,
मंज़िल को पानी की कसक रहने दो,
आप चाहे रहो नज़रों से दूर,
पर मेरी आँखों में अपनी एक झलक रहने दो...
वो प्यार जो हक़ीक़त में प्यार होता है..
ज़िन्दगी में सिर्फ एक बार होता है..
निगाहो के मिलते मिलते दिल मिल जाए..
यह इत्तेफ़ाक़ सिर्फ एक बार होता है...
!!उनको अपने हाल का हिसाब क्या देते,,
सवाल सारे गलत थे जबाब क्या देते,,
वो तीन लफ्जो की हिफ़ाजत ना कर सके,,
उनके हाथ मे जिंदगी की पूरी किताब क्या देते !!