खींच लेती है मुझे उसकी मोहब्बत;
वरना मै बहुत बार मिला हूँ आखरी बार उससे!
अरे सुनो..इतना क्यूँ शरमाती हो..
हम तो आपके अपने है...!!
जिसकी गर्ज तुम हो प्रिये..
वो खुदगर्ज़ क्यों ना हो भला...!!
प्यार का गीत गायेंगे हम;
तुझसे मोहब्बत निभायेंगे हम;
जो तूने कबूल कर लिया प्यार मेरा तो ठीक;
वरना किसी और हसीना को पटायेंगे हम!
युँही बे सबाब ना फिरा करो,
कोई शाम घर भी रहा करो..
वो गज़ल की सच्ची किताब है,
उसे छुपके-छुपके पड़ा करो..
मुझे इश्तिहार सी लगती हैं..
ये महोब्बतों की कहनीयाँ..
जो सुना नहीं वो कहा करो..
जो कहा नहीं वो सुना करो.
love u
मंजिलों से अपनी दूर ना जाना..
रास्ते की परेशानियों से टूट ना जाना..
जब भी जरूरत हो जिन्दगी में किसी अपने की..
हम अपने हैं ये भूल ना जाना
अगर जो दिल की सुनो तो हार जाओगे..
हम जैसा प्यार फिर कहाँ से पाओगे..
जान देने की बात को हर कोई करता है..
जिन्दगी बनाने वाला कहाँ से लाओगे..
जो इक नज़र देखोगे हमें..
हर तरफ हमको ही पाओगे..
यकीं अपनी चाहत का इतना है मुझे..
मेरी आँखो में झाँकोगे और लौट आओगे..
मेरी यादों के समंदर में जो डूब गऐ तुम..
कहीं जाना भी चाहोगे तो जा नहीं पाओगे
उसने देखा ही नहीं अपनी हथेली को कभी;
उसमे हलकी सी लकीर मेरी भी थी!
हर एक मोड पे हम गिरते थे किसी ने भी ना हमको उठाया था,
तब तूने ही सनम एक उमीद का दिया जलाया था,
अपने हर एक गम को छुपाकर मुझे जीना सिखाया था
क्या नशा है इश्क आज तक समझ ना पाये हम,
उन नशीली आँखों में कहीं हो ना जाऐं गुम,
युँ तो इश्क समझ नहीं आता ना जाने क्या बला थी ये,
कि जुदा होने पे उनकी ये आँखे हो गई है नम..