तेरे करीब आकर बडी उलझन में हूँ,
मैं गैरों में हूँ या तेरे अपनो में हूँ !!
Mujhse Itni Mohabbat Na Kar Meri Jaan,
Ki Jo Mera Dum Nikle Aur Meri Rooh..
Na Jane Ki Zid Kare,
Chaar Kandha Dene Wale Khade Hon Mujhe Le Jane Ke Liye,
Aur Tu Mere Jism Se Lipat kar Ro Pade.
ढूँढ ही लेता है मुझे किसी ना किसी बहाने से “दर्द”
वाकिफ़ हो गया है मेरे हर ठिकाने से !
कोई वादा नहीं फिर भी तेरा इंतज़ार है
जुदाई के बाद भी तुझसे Pyar है
तेरे चेहरे की उदासी दे रही है गवाही मुझसे
मिलने के लिए तू भी बेकरार है
वो आपका पलके झुका के मुस्कुराना;
वो आपका नजरें झुका के शर्मना
वैसे आपको पता है या नहीं हमें पता नहीं;
पर इस दिल को मिल गया है उसका नज़राना।
इजाजत मांग कर जो दिल में आना चाहे
उसे प्यार नही कहते..!!
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प्यार तो उसे कहते हो जो ना चाहते हुए
भी दिल में बस जाये..!!
बेताब तमन्नाओ की कसक रहने दो!
मंजिल को पाने की कसक रहने दो!
आप चाहे रहो नज़रों से दूर!
पर मेरी आँखों में अपनी एक झलक रहने दो!
हसरतें आज भी ख़त लिखती हैं मुझे...
मगर अब मैं पुराने पते पर नहीं रहता.
Yaadein Bhi Ajeeb Cheez hai Bheed Mein Tanha Kar Deti hai,
Aur Tanhaio Mein Wahi Yaadein Bheed Ban Kar Saath Rehti Hai…
Zulm Ke Saare Hunar Hum Par Yun Aazmaye Gaye,
Zulm Bhi Saha Humne Aur Zaalim Bhi Kehlaye Gaye.