Ek baar fir dil toot gaya
Avaz nahi aayi na kuch dikhai diya
Lekin dard bahut hua he..
वैसे तो है रज़ामंदी फिर भी कभी कभी बग़ावत है इश्क़
कभी राधा की मुहब्बत तो कभी मीरा की इबादत है इश्क़
जो एक बार दिल में बस जाये उसे हम निकाल नहीं सकते;
जिसे दिल अपना बना ले उसे फिर कभी भुला नहीं सकते;
वो जहाँ भी रहे ऐ खुदा हमेशा खुश रहे;
उनके लिए कितना प्यार है हमें ये कभी हम जता नहीं सकते।
ज़माने भर में आशिक कोई हमसा नही होगा;
खूबसूरत सनम भी कोई तुमसा नहीं होगा;
मर भी जाये उसकी बाहों में तो कोई गम नही यारो;
क्योंकी उसके आँचल से खूबसूरत कोई कफ़न नहीं होगा।
चाहत में जिस की जमाने को भुला रखा है,
ये मालुम नहीं किसे उसने दिल में बसा रखा है,
ये मालुम है की वो आसमाँ है और मै जमीन,
फिर भी आँखों में उसी का सपना सजा रखा है।
इश्क दो जिंदगी का अफसाना हैं !
इश्क का अपना ही एक तराना हैं !!
पता हैं सब को मिलेंगे सिर्फ आंसू !
पर न जाने दुनियाँ में हर कोई क्यूँ इश्क का ही दीवाना हैं !!
जब आंसू आए तो रो जाते हैं,
जब ख्वाब आए तो खो जाते हैं,
नींद आंखो में आती नहीं,
बस आप ख्वाबो में आओगें,यही सोच कर सो जाते हैं.
एक सच्चा दिल सब के पास होता हैं ! ,
फिर क्यों नहीं सब पे विश्वास होता हैं !!
इंसान चाहे कितनो भी आम हो….!
वो किसी न किसी के लिए जरुर खास होता हैं !!
उनकी मोहब्बत का अभी निशान बाकी हैं …
नाम लब पर हैं मगर जान अभी बाकी हैं ……
क्या हुआ अगर देख कर मूंह फेर लेते हैं वो….
तसल्ली हैं कि अभी तक शक्ल कि पहचान बाकी हैं …
आपकी जुदाई भी हमें प्यार करती हैं …
आपकी याद बहुत बेकरार करती हैं ..
जाते जाते कहीं भी मुलाकात हो जाये आप से …
तलाश आपको ये नज़र बार बार करती हैं …